वाराणसी/जयपुर. 'मैं एक मुस्लिम हूं, तो क्या मैं छात्रों को संस्कृत सिखा नहीं सकता।' यह सवाल बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में नियुक्ति पहले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान का है। उन्होंने कहा- 'संस्कृत से मेरा खानदानी नाता है।
मैंने बचपन से ही घर में भगवान कृष्ण की फोटो देखी है। मेरे दादा गफूर खान राजस्थान में हिंदू देवी-देवताओं के भजन गाकर मशहूर हुए थे। मेरे पिता संस्कृत की पढ़ाई करने के साथ जयपुर में गोशाला का प्रचार-प्रसार करते थे। बचपन से लेकर पीएचईडी तक की शिक्षा ग्रहण करने तक कभी धार्मिक भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन बीएचयू में प्रोफेसर बनते ही धर्म के आधार पर देखा जाने लगा है।'
दरअसल, बीएचयू के संस्कृत विभाग में नियुक्त हुए पहले मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर यूनिवर्सिटी परिसर में धरना-प्रदर्शन पिछले 8 दिनों से चल रहा है। इसके चलते पढ़ाई भी बाधित है। विरोध को बीएचयू के कुलपति पहले ही नजरअंदाज कर चुके हैं। प्रो. फिरोज जयपुर के बागरू गांव के रहने वाले हैं।